लेखिका: अनन्या शर्मा, FrontlineNews.in
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार के महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में महिलाएं महत्वपूर्ण गेमचेंजर साबित हुईं। दोनों ही राज्यों में महिलाओं के लिए लागू की गई सम्मान राशि योजनाओं का बड़ा असर देखने को मिला है। ये योजनाएं न केवल मतदाता उत्साह में वृद्धि का कारण बनीं, बल्कि चुनाव परिणामों को भी प्रभावित करने में सफल रहीं।
महाराष्ट्र में लाडकी बहन योजना का असर
महाराष्ट्र में महिलाओं के लिए लाडकी बहन योजना के तहत हर महीने उनके खातों में ₹1000 की राशि डाली जा रही थी। दीपावली से पहले तक लगभग ₹77,500 महिलाओं के खातों में जमा हो चुके थे। इस योजना का सीधा असर महिलाओं के मतदान प्रतिशत पर पड़ा और इस बार चुनावों में महिलाओं ने 4% अधिक मतदान किया। उल्लेखनीय है कि इस बार महायुति (एनडीए) ने इस राशि को ₹2000 प्रति माह करने का वादा किया था, हालांकि जनता ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। महाराष्ट्र में महिलाओं का एकजुट होकर महायुति के पक्ष में मतदान करना इस चुनाव में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम था।
यह भी बताया जा रहा है कि इसी योजना के चलते सितंबर में हरियाणा के साथ प्रस्तावित महाराष्ट्र चुनावों को देर से कराया गया था, ताकि योजना का प्रभाव अधिकतम हो सके। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर इस मामले में निशाना भी साधा था।
झारखंड में मैया सम्मान योजना
वहीं, झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं के लिए ‘मैया सम्मान योजना’ की शुरुआत की थी, जिसके तहत महिलाओं को ₹1000 प्रति माह की राशि दी जा रही थी। चुनाव से ठीक पहले शुरू हुई इस योजना ने राज्य के चुनाव परिणामों पर गहरा प्रभाव डाला। हेमंत सोरेन की पार्टी ने इसे बीजेपी की साजिश बताने वाले आरोपों को खारिज करते हुए इसका समर्थन किया था। इस योजना के चलते महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा मतदान किया, जिससे राज्य की राजनीति में बदलाव देखने को मिला।
महिलाओं के प्रभाव से बढ़ा मतदान प्रतिशत
महाराष्ट्र और झारखंड दोनों राज्यों में महिलाओं के वोट प्रतिशत में इज़ाफा हुआ। महाराष्ट्र में महिलाओं का मतदान प्रतिशत लगभग 4% बढ़ा, जबकि झारखंड में भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत 3% तक बढ़ा। इसके अलावा, झारखंड में कल्पना यादव के चुनाव प्रचार में भी जबरदस्त भीड़ नजर आई। कल्पना यादव ने 100 से ज्यादा रैलियों को संबोधित किया और उनका असर राज्य की सियासत में स्पष्ट रूप से देखा गया।
रिपीट होती सरकारें?
दोनों राज्यों में चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि सरकारें रिपीट होती नजर आ रही हैं। महाराष्ट्र में एनडीए गठबंधन को 145 सीटों के आंकड़े से काफी आगे बढ़त मिलती दिखाई दे रही है, और बीजेपी अकेले 125 से ज्यादा सीटों पर अग्रिम स्थिति में है। वहीं, झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन को 50 से ज्यादा सीटों पर बढ़त मिल रही है, और उनकी पार्टी इस बार भी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनती दिख रही है।
निष्कर्ष
यह चुनाव परिणाम यह साबित करते हैं कि महिलाओं को केंद्रित योजनाएं न केवल समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी इनका बड़ा प्रभाव पड़ता है। महिलाओं के लिए शुरू की गई योजनाओं ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनावी जनादेश को प्रभावित किया और एक नए बदलाव की ओर इशारा किया।
— अनन्या शर्मा, frontlinenews.in के लिए।