आज हम बात कर रहे हैं मुकेश अंबानी की जिदंगी एक अनोखे किस्से कि जिसे उन्होंने खुद ही साझा किया था। दर असल मुकेश अंबानी ने बताया था कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने। उनके लिए एक ऐसा टीचर रखा था जो पढ़ता नहीं था बल्कि एक दूसरा काम ही करता था। जी हां आपने बिल्कुल सही सुना, ये टीचर उन्होंने पढ़ाई के लिए नहीं बल्कि एक दूसरे ही काम के लिए रखा था। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला।
और क्या है इस वाकिए के पीछे की पूरी कहानी। मुकेश अंबानी ने बताया कि उनके पिता धीरूभाई अंबानी ने बेटे मुकेश अंबानी के लिए। एक ऐसा टीचर रखा था जो पढ़ाने के अलावा सब कुछ करता था। और तो और उन्होंने साथ ही ये भी बताया कि बेटे के लिए ऐसे ही इस टीचर को नहीं खोजा गया था। बल्कि बाकायदा अखबार में इश्तेहार देकर छांटा गया था।
Reliance कंपनी के Founder धीरूभाई अंबानी ने उनके विज्ञापन में लिखवाया था कि। हमें एक टीचर की जरूरत है, जो स्कूली किताबें न पढ़ाएं। चौंक गए न, दरअसल स्कूली किताबें पढ़ाने वाला नहीं। बल्कि धीरूभाई को सामान्य ज्ञान देने वाला टीचर चाहिए था। मुकेश अंबानी ने खुद इस ही बाकये का जिक्र किया है। उनके मुताबिक, काफी खोजने के बाद महेंद्रभाई को चुना गया था। किताबी दुनिया में समय बिताने के बजाय Mukesh Ambani की प्रैक्टिकल नॉलेज पर ज्यादा ध्यान दिया गया था।
वैसे भी कहा जाता है कि 10वीं तक पढ़ाई करने वाले धीरूभाई सभी की तरह नहीं, बल्कि कुछ अलग सोचने वाले व्यक्ति थे। धीरूभाई की इसी सोच ने उन्हें फर्श से अर्श तक पहुंचाने का काम किया और आज दुनिया उनकी मिसालें देती है। पिता की दी गई सीख के चलते आज मुकेश अंबानी टॉप अमीरों में शामिल हैं और कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।