भारतीय रेलवे (Indian Railways) देश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करने जा रहा है। रेलवे ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इसे देश के 8 विरासत मार्गों के लिए संचालित किया जाएगा। इस हाइड्रोजन ट्रेन(Hydrogen Train in India) को लेकर कई बदलाव किए जाएंगे। इसके डिजाइन में भी बदलाव होगा। हाइड्रोजन ट्रेनें 1950-60 के दशक की ट्रेनों की जगह लेंगी।
अब चलेगी देश की पहली(Hydrogen Train in India) हाइड्रोजन ट्रेन
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा हाइड्रोजन ट्रेनें चलाई जाएंगी। रेल मंत्रालय ने जानकारी दी है कि शुरुआत में देश में 8 अलग-अलग रूटों पर हाइड्रोजन ट्रेनों का संचालन किया जाएगा ।हाइड्रोजन ट्रेन को लेकर सरकार ने खास योजना बनाई है। सरकार ने हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज नाम से प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसके तहत इन ट्रेनों को हेरिटेज रूट्स पर चलाया जाएगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा ट्रेनों के चलने से देश हरित ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई बनी हाइड्रोजनवाली ट्रेनों को वंदे मेट्रो कहा जाएगा। रेल मंत्री ने कहा, ‘हम दिसंबर 2023 से हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू करेंगे.
हाइड्रोजन ट्रेन कहाँ चलती है?
ऐसा करने वाला भारत पहला देश नहीं है। इससे पहले यह ट्रेन जर्मनी और चीन में चल रही है। इस साल जुलाई में जर्मनी में हाइड्रोजन ट्रेन शुरू की गई थी। उनकी कुल अनुमानित संपत्ति 86 मिलियन डॉलर है। यह एक बार में 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 1000 किमी दौड़ सकती है। 2018 में इसका परीक्षण किया गया था। चीन ने हाल ही में एशिया की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च की है, जो एक बार टैंक भर जाने पर 600 किमी की दूरी तय करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाइड्रोजन से चलने वाली इस ट्रेन की टॉप स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है।
रेलवे ने कहा कि इस सिलसिले में ट्रेनों के इंजन और कोच में कई बदलाव किए जाएंगे. कोच में एक प्रोपल्शन यूनिट भी लगाई जाएगी। साथ ही इसमें विस्टाडोम कोच भी लगाए जाएंगे। माना जा रहा है कि 2 साल के अंदर देश में पूरी तरह से हाइड्रोजन ट्रेन शुरू कर दी जाएगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि रेलवे कई वर्षों से हरित ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करने पर काम कर रहा है। जिसमें खास हाइड्रोजन से चलने वाले इंजन बनाए जा रहे हैं।