खाद्य तेल के दाम में आई है बड़ी गिरावट, जानें नया भाव – व्यापारी बोले; अभी भी गिर सकता है…

Mahat Kuri

Edible Oil Price- आसमान के ऊंचे स्तर पर पहुंच चुके तेल के दाम अब एक बार फिर नीचे आ रहे हैं. अगर दो दिन पहले की बात करें तो सिंगटेल, बिनौला तेल और पामोलिन तेल के दाम एक बार फिर कम हुए हैं । एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि घरेलू खपत और देश में खाद्य तिलहन की मांग के बीच बहुत बड़ा अंतर है, जिसके कारण बड़े पैमाने पर आयात होता है। पिछले कुछ महीनों में इनकी खुदरा कीमतें बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि बुनियादी आयात कीमतों में इस बदलाव का खुदरा कीमतों पर असर पड़ सकता है, हालांकि इस कमी का लाभ निर्माताओं, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं सहित पूरी आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से उपभोक्ता को दिया जाता है। देश में खाद्य तेलों की दो-तिहाई मांग आयात से पूरी की जाती है। पिछले एक साल में खाद्य तेल के दाम तेजी से बढ़े हैं। कर विशेषज्ञों का कहना है कि शुल्क मूल्य में कमी से घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमत कम हो सकती है क्योंकि मूल आयात मूल्य में मामूली कमी से इसमें कमी आ सकती है।

जानें नया भाव- Edible Oil Price:

कारोबारियों को अभी भी आने वाले दिनों में खाद्य तेल की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद है। खाद्य तेल के दाम घटेंगे तो लोगों की खपत भी बढ़ेगी। मौजूदा समय में लोग कीमतों में बढ़ोतरी के चलते खाद्य तेल की खरीदारी में कटौती कर रहे हैं।

सरकार ने पाम ऑयल सहित कई खाद्य तेलों के आयात मूल्य में 112 डॉलर प्रति टन की कमी की है। जानकारों का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में कमी आ सकती है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा सीमा शुल्क बोर्ड (सीआईबीसी) ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 86 डॉलर प्रति टन और आरबीडी (रिफाइंड, ब्लीच और डिओडोराइज्ड) कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 112 डॉलर प्रति टन कम करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।

7 महीनों में आयात 9% बढ़ा

सॉल्वेंट एक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, नवंबर 2020 से मई 2021 तक वनस्पति तेलों (संपूर्ण खाद्य और अखाद्य तेलों सहित) का आयात 9 प्रतिशत बढ़कर 76,77,998 टन हो गया।