भारत (India) ने एक बार फिर से इतिहास रच दिया है। और इस बार इस इतिहास का साक्षी कोलकाता (Kolkata) बना है। दर असल भारत में पहली बार गंगा के नीचे मेट्रो रेल (Kolkata Metro) चलाई गई है। और ये कोलकाता में हुआ है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला। दर असल बुधवार को हुगली नदी के भीतर से एक सुरंग की सहायता से। पानी के बीचों बीच पहली बार भारत में यात्रा शुरू की गई। एयर इसका परीक्षण भी एकदम सफल रहा।
और तो और मेट्रो रेलवे के चेयरमैन पी. उदय कुमार रेड्डी ने इस रेल यात्रा को एक ‘ऐतिहासिक घटना’ बताया दिया। और कहा कि ऐसे ही भारत प्रगति करता रहा तो एक बार फिर से जल्द ही सोने की चिड़िया कहलाएगा। इस अंदर वाटर मेट्रो ने हुगली नदी को लगभग 11:55 बजे पार किया। मेट्रो रेलवे के चेयरमैन पी. उदय कुमार रेड्डी ने ये जानकारी भी दी है कि हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक पानी के अंदर का सफर। आने वाले सात महीनों के लिए ट्रायल रन में आयोजित हो जाएगा।
और उसके पश्चात इस रास्ते पर अंडर वाटर ट्रेन की व्यवस्था भी शुरू कर दी जाएगी। आपको बता दें कि ये अंडर वाटर मेट्रो का रास्ता लगभग 4.8 किलोमीटर का है। और चालू होने के बाद ये भारत का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन कहलाएगा। जिसकी गहराई सतह से 33 मीटर नीचे की होगी। ये मेट्रो इस रास्ते को इस गति से तय करेगी कि, 520 मीटर मात्र 45 सेकंड में तय होगा। और ये एक सुरंग से होगा, जो जल स्तर से 32 मीटर नीचे की तरफ है।
इस उद्घाटन को देखने के लिए कई बड़ी बड़ी हस्तियां वहां मौजूद थी। जिसमें मेट्रो रेलवे के चेयरमैन पी. उदय कुमार रेड्डी और एमडी एच. एन. जायसवाल भी शुमार थे। और तो और इस ट्रेन के सफलता पूर्वक पहुंच जाने के बाद रेड्डी जी ने हावड़ा स्टेशन पर पूजा भी की। और इस ट्रेन में सफलता पूर्वक पहुंच जाने के बाद इसके निर्माण में सहयोग करने वाले सभी लोग काफी खुश दिखे।