भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और विस्फोटक बल्लेबाज रह चुके सौरव गांगुली को। एक 12 साल पुराने मामले में कलकत्ता की कोर्ट द्वारा राहत दी जा चुकी है। कोलकाता की कोर्ट ने सौरव गांगुली पर हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। आइए जानते हैं क्या है ये पूरा मामला जिस पर इतने दिनों से ये बहस चल रही थी। और आज जा कर के आखिरकार ये निर्णय सामने आया है।
दर असल ये मामला आज का नहीं बल्कि एक दशक से भी ज्यादा पुराना है। सौरव गांगुली को 26 सितंबर, 2011 को एक कारण बताओ नोटिस प्रदान किया गया था। जिसमें उनसे ब्रांड के प्रचार-प्रसार को ले कर के सेवा की मांग की गई थी। इस कारण बताओ नोटिस में जिस सेवा कर की मांग हुई थी। उसकी सेवा कर आयुक्त ने नवंबर, 2012 में उनके फैसले में पुष्टि भी की थी। और साथ ही साथ ब्याज और जुर्माना भी देने का भी निर्देश भी दे दिया था।
जिसके बाद सौरव गांगुली ने इस आदेश के अनुसार 1,51,66,500 रुपये 26 फरवरी, 2014 को जमा कराए और साथ ही साथ 50 लाख रुपये मार्च, 2014 में भी जमा किए। जिसके बाद एक और मांग की गई जिसमें कहा गया कि। उनको केवल राशि नहीं बल्कि उसके ऊपर 10 प्रतिशत की दर से ब्याज भी चाहिए। जिसके बाद ये मामला कोर्ट में और खींच गया और दस साल और चला।
और अब जा कर के इस बारे में फिर से निर्णय आ गया है। और इस बार कोर्ट ने ब्याज की इस मांग को नकार दिया है। और बताया कि वो इस ब्याज के हकदार नहीं है। और तो और ये भी कहा गया की इस मामले में दस साल पहले ही फैसल हो गया है। तो इसे अब और बढ़ाने की कोई आवश्यकता कोर्ट को नहीं नजर आती है।